पता है
तुमने महसूस किया
मेरी गैरमौजूदगी में मेरी मौजूदगी को
हैं मेरे एहसासों के कुछ कण
तेरे उफान लेती जिन्दगी में भी
मुझे पता है ||
बेखबर था कुछ पल
मेरी तरफ देखते तेरे नजरों के परवाह से
खुद में खुद से समेटे जा रहा था
अपने दिल के एहसास को
क्योंकि पता है
नही चाहते तुम कि
तुमसे कोई उम्मीद या आस हो ||
तेरी खुश्बू का मेरे जहन में होना
मेरे इत्र की खुश्बू में
तेरा मुझे महसूस करना
हाँ मैं ही हूँ
अपने इश्क़ का फरमान लिए
मेरे ख्वाबों में तेरे संग अपना जहान लिए ||
मुझे पता है
तुम रूबरू हो इन एहसासों से
हमारी छोटी सी जिन्दगी के
बुनते बड़े बड़े ख्वाब से
तुम ख्वाब होकर भी मेरे पास हो
हाँ मैं हूँ, तुम दूर या पास हो ||
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