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Showing posts from 2016

प्रेमिका के नाम पहली और आखिरी चिट्ठी

आज की रात कट क्यों नहीं रही ? आज की रात विरह की रात है, आज तो चाह के भी सो नहीं पाउँगा l आज मैंने अपनी प्रेमिका के साथ आखिरी रात बिताई है l साथ यहीं तक था बस अब और नहीं l बहुत मुश्किल है अब आगे तुम्हारे बिना रहना पर अब तो दूर जाने का समय आ ही गया , आखिर एक दिन दूर तो होना ही था l आज ही सही l बेहिसाब प्यार करता हूँ मैं तुमसे और करता ही रहूँगा जब तक मैं हूँ l पर अब और साथ नहीं रह सकता l हर सुबह जब नींद खुलती थी तो मैं तुम्हें ही खोजता था और पूरा दिन तुम्हें होठों पे लगाकर चूमता रहता था l हर रात जब नींद से मेरी आँखें बंद होती थी आखिरी झलक तुम्हारी ही होती थी l तुम अब भी मेरी रगों में दौड़ रही हो खून बनकर l पर अब साथ नहीं हो l याद है न तुम्हें वो दिन जब मैं बहुत तड़प रहा था वो रात भी जब मैं बहुत टुटा था ,,,,, तुमने ही मुझे सम्हाला था l जब से तुम साथ थी हर ख़ुशी का मौका तुमसे ही तो शुरू होता था l हर रात सिर्फ तुम्हारे ही साथ होने का मन होता है , तुम्हारी बाँहों में खोने का मन होता है l कैसे भूलूं,, जब चाँद की परछाई में तुम्हारे साथ पूरी रात जागकर सूरज का इंतजार करता था l तुमको भूल पान

वैश्वीकरण के दौर में हिंदी

वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप दुनिया की तमाम भाषाओं की भांति हिंदी के स्वरूप, क्षेत्र एवं प्रकृति में बदलाव आया है, प्रसार में वृद्धि हुई है। हिंदी न सिर्फ भारतीय मंडल अपितु समूचे भूमंडल की एक प्रमुख भाषा के रूप में उभरी है। यह हकीकत है कि नब्बे के दशक में विश्व बाजार व्यवस्था के तहत बहुप्रचारित उदारीकरण, निजीकरण, भूमंडलीकरण की प्रकृति से भारत अछूता नहीं रह सकता था। देर–सबेर उसे भी वैश्विक मंडी में खड़ा होना ही था। जाहिर है इस वैश्वीकरण ने जहाँ एक तरफ मुक्त बाजार की दलीलें पेश की, वहीं दूसरी तरफ दुनिया में एक नई उपभोक्ता संस्कृति को जन्म दिया, जिससे जनजीवन से जुड़ी वस्तुएं ही नहीं, भाषा, विचार, संस्कृति, कला सब–कुछ को एक ‘कमोडिटी’ के तौर पर देखने की प्रवृत्ति विकसित हुई। भाषा के रूप में निश्चय ही इस नवउपनिवेशवादी व्यवस्था ने राष्ट्रों की प्रतिनिधि भाषाओं को चुना। बहुभाषिक समाज व्यवस्था वाले भारत में हिंदी चूँकि संपर्क और व्यवहार की प्रधान भाषा थी इसलिए हिंदी को वैश्विक बाजार ने अपनाया। यहाँ वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप हिंदी के विकास–विस्तार पर जाने से पूर्व वैश्वीकरण की प्रक्रिया के बारे में