आज की रात कट क्यों नहीं रही ? आज की रात विरह की रात है, आज तो चाह के भी सो नहीं पाउँगा l आज मैंने अपनी प्रेमिका के साथ आखिरी रात बिताई है l साथ यहीं तक था बस अब और नहीं l बहुत मुश्किल है अब आगे तुम्हारे बिना रहना पर अब तो दूर जाने का समय आ ही गया , आखिर एक दिन दूर तो होना ही था l आज ही सही l बेहिसाब प्यार करता हूँ मैं तुमसे और करता ही रहूँगा जब तक मैं हूँ l पर अब और साथ नहीं रह सकता l हर सुबह जब नींद खुलती थी तो मैं तुम्हें ही खोजता था और पूरा दिन तुम्हें होठों पे लगाकर चूमता रहता था l हर रात जब नींद से मेरी आँखें बंद होती थी आखिरी झलक तुम्हारी ही होती थी l तुम अब भी मेरी रगों में दौड़ रही हो खून बनकर l पर अब साथ नहीं हो l याद है न तुम्हें वो दिन जब मैं बहुत तड़प रहा था वो रात भी जब मैं बहुत टुटा था ,,,,, तुमने ही मुझे सम्हाला था l जब से तुम साथ थी हर ख़ुशी का मौका तुमसे ही तो शुरू होता था l हर रात सिर्फ तुम्हारे ही साथ होने का मन होता है , तुम्हारी बाँहों में खोने का मन होता है l कैसे भूलूं,, जब चाँद की परछाई में तुम्हारे साथ पूरी रात जागकर सूरज का इंतजार करता था l तुमको भूल पान