आज गुजरे हो तुम बेहद करीब से
शांत क़दमों के कुछ फासलों पर,बेचैन दिल के करीब से
आज गुजरे हो तुम |
तुझे आना ही न था आज इस बेचैन दिल के गलियों में
किसी और के जश्ने शरीक में, मेरे नज़रों के करीब से
आज गुजरे हो तुम ||
तुम कुछ यूं मुस्कुराते निकले मिलने किसी दिल-ए-अजीज से
इस खिलती मुस्कान में उलझे बगैर, मन रोकना चाहता खुद को
अपने धड़कन को सम्भाले बगैर तेरे दिल के करीब से
क्युकी आज गुजरे हो तुम कुछ दूर बेहद करीब से ||
शांत क़दमों के कुछ फासलों पर,बेचैन दिल के करीब से
आज गुजरे हो तुम |
तुझे आना ही न था आज इस बेचैन दिल के गलियों में
किसी और के जश्ने शरीक में, मेरे नज़रों के करीब से
आज गुजरे हो तुम ||
तुम कुछ यूं मुस्कुराते निकले मिलने किसी दिल-ए-अजीज से
इस खिलती मुस्कान में उलझे बगैर, मन रोकना चाहता खुद को
अपने धड़कन को सम्भाले बगैर तेरे दिल के करीब से
क्युकी आज गुजरे हो तुम कुछ दूर बेहद करीब से ||
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