तुम आसमां की उचाईयों में उड़े जा रही थी
नजरें तेरे दीदार को दिल की गहराइयों में डूबती रही |
तुम बहती हवाओं में बाहें फैलाकर झूमे जा रही थी
मन तेरे खिलते मुस्कान को देखकर मचलता रहा |
तुम बहती नदी की कलकलाहट सी बोली जा रही थी
दिल तेरी धडकनों को सुनने की कोशिश करता रहा |
तुम अँधेरी रातों में चाँद की तरह चमकती रही थी
कोई जमीं पर खड़ा तुझे ख्वाब सा समझता रहा ....||
नजरें तेरे दीदार को दिल की गहराइयों में डूबती रही |
तुम बहती हवाओं में बाहें फैलाकर झूमे जा रही थी
मन तेरे खिलते मुस्कान को देखकर मचलता रहा |
तुम बहती नदी की कलकलाहट सी बोली जा रही थी
दिल तेरी धडकनों को सुनने की कोशिश करता रहा |
तुम अँधेरी रातों में चाँद की तरह चमकती रही थी
कोई जमीं पर खड़ा तुझे ख्वाब सा समझता रहा ....||
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