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अच्छा लगता है..

अच्छा लगता है
तुम्हारा कुछ कहना
मेरा सब सुनना
अच्छा लगता है
मेरा कुछ न कहना
तुम्हारा सब समझ कर
कुछ न समझना
अच्छा लगता है ||
छोटी छोटी बातों पर तुम्हारा हँसना
हँसते हँसते बहुत कुछ समझना
उन्हें महसूस कर चुप सा रहना
अच्छा लगता है ||
तुममें हर पल पागलपन को देखना
दो पल तुम्हे निहारते मेरे नजरों को देखकर
मुझे पागल सा समझना
अच्छा लगता है ||
बिन वजह मेरा तुमपर ऐतबार करना
तमाम वजह होते हुए भी तुम्हारा इकरार न करना
तुम्हारा दूर होकर भी पास महसूस होना
मेरे पास होने पर तुम्हारा खुद से गुप्तगू करना
अच्छा लगता है ||
मेरे इंतजार में तुम्हारा खुद की नज़रों को अनदेखा करना
तुम्हारी एक मुस्कान के इंतजार में तुझपे नजरें टिकाए रखना
आस पास होते हुए भी मेरा बेचैन सा होना
मुझे आस पास देखकर खुद का सुकून में होना
अच्छा लगता है ||
घंटो दूर रहकर दो पल का पास आना
दो पल साथ होकर
कुछ फासलों से दूर हो जाना 
जिस्म से दूर होकर
अहसासों के करीब होना
अच्छा लगता है ||



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मैं पूरा सा नही हो पा रहा हूँ

सुनो न! मैं पूरा सा नही हो पा रहा हूँ कुछ समेटने की कोशिश कर रहा हूँ पर खुद को बिखरा सा महसूस कर रहा हूँ मुझमें जिद्द न थी तुझे पाने की पर कुछ तो छूट सा गया है न जाने किस अन्जाने तलाश में आगे निकल चला हूँ दरसअल, याद आ रहा है वो सब कुछ जो बदल सा गया है तुम, तुम्हारा साथ और एहसास सब याद आ रहा है एक साया सा है मेरे साथ जिससे मैं ख़ुद को जुदा कर रहा हूँ भूल जाऊ, ऐसी कोशिश है मेरी पर भूलकर जैसे खुद अधूरा सा लग रहा हूँ।। #ख़्वाब #मेरे_सपने

इश्क़-ए-लफ्फाज़ी (भाग-1)

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