लिखना है कुछ तो लिखो हर बात बोल कर बताई नही जाती छवि तुम्हारी कुछ यूं बिखरी है इन समझदारों के समंदर में कि तुम आह भी भरो तो लोग समझेंगे जरूर कोई दर्द या तन्हाई है करो कोशिश तुम उन्हें जानने की पल भर के लिए भी उन्हें पहचानने की तुम पकड़े जाते हो किसी के जहनों जहां में एक शिकारी की तरह, एक बलात्कारी की तरह ये छवि है एक जमात की जिसकी तुम पैदाईस हो बचो तुम, समझो तुम लिखो अपनी कहानी को कुछ इस तरह कि जब तुम बात करो अपने मन की इज़हार भी करो अपने दिल की... हर लड़की समझे तुम्हारी जुबानी को न मजबूर हो खुद को समझाने को #एक_लड़का