आज सोशल मीडिया आम से लेकर ख़ास व्यक्ति के जीवन का अभिन्न हिस्सा बना हुआ है| ख़ास लोगो की जमात जहां अक्सर ट्वीट करते नजर आती है, वही हमारे समाज के आम लोगो का एक धडा फेसबुक व व्हाट्सएप पर अपनी दुनिया बसाए हुए है| सोशल मीडिया जहां लोगो को एक दूसरे से जोड़ने और सन्देश को सांझा करने में सहयोगी है, वही समकालीन परिदृश्य में यह उपयोगकर्ता के साथ साथ समाज के लिए घातक भी साबित हो रहा है| प्रायः हम पाते है कि समाज का एक बड़ा हिस्सा किसी मुद्दे पर चर्चा के दौरान जो तथ्य प्रस्तुत करता है या यू कह ले कि उसे ही सच होने का दावा ठोकता है, वह कही न कही सोशल मीडिया से उपजी ज्ञान होती है| ख़ास तौर पर आधुनिक पीढ़ी किताबों व प्रमाणित तथ्यों को पढ़ने के बजाय सोशल मीडिया से उठे मुद्दे व दूसरो के आकड़ो व विचारों से अपना नजरिया तैयार कर ले रहा है| जो कि समाज में फैलती अराजकता व अफवाह का भी एक मुख्य कारण रहा है| फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे तमाम माध्यमों पर सभी को अपने अपने विचार व्यक्त करें की आज़ादी है लेकिन मौजूदा परिदृश्य में सोशल मीडिया भी टीवी समाचार चैनलों की भाति रणभूमि बन चुकी है| सोशल मीडिया पर आज हम उपयोगकर्ता उप