सुनो न!
मैं पूरा सा नही हो पा रहा हूँ
कुछ समेटने की कोशिश कर रहा हूँ
पर खुद को बिखरा सा महसूस कर रहा हूँ
मुझमें जिद्द न थी तुझे पाने की
पर कुछ तो छूट सा गया है
न जाने किस अन्जाने तलाश में आगे निकल चला हूँ
दरसअल, याद आ रहा है
वो सब कुछ जो बदल सा गया है
तुम, तुम्हारा साथ और एहसास
सब याद आ रहा है
एक साया सा है मेरे साथ
जिससे मैं ख़ुद को जुदा कर रहा हूँ
भूल जाऊ, ऐसी कोशिश है मेरी
पर भूलकर जैसे खुद अधूरा सा लग रहा हूँ।।
#ख़्वाब #मेरे_सपने
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