‘प्रिय’ लिखकर
मैं नीचे लिख दूँ नाम तुम्हारा,
कुछ जगह बीच में छोड़ दूँ,
नीचे लिख दूँ-
‘सदा तुम्हारा’
लिखा बीच में क्या
यह तुमको पढ़ना है,
कागज़ पर मन की परिभाषा का,
अर्थ समझना है,
जो भी अर्थ निकलोगी तुम,
वह मुझको स्वीकार है,
झुके नयन, मौन अधर या कोरा कागज़
अर्थ सभी का प्यार है।
_आशुतोष राणा
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