भूख सोने नही देती
पेट की भूख जीने नही देती ।
कुछ पाने की भूख जद्दोजहद कराती है
सपनों की कतार जीवन जीने नही देती ।
जिस्म की भूख बेचैन करती है
इंसान को इंसान होने नही देती ।
दौलत की भूख रिश्तों से दूर ले जाती है
ये बेगानापन किसी का अपना होने नही देती ।
प्रसिद्धि की भूख नकली बनाती है
खुद की आत्मा खुद की होने नही देती ।
इस कलम की भूख बहुत कुछ बताती है
नज़र सच की स्याह दुनियां को समझने नही देती ।
ये भूख दुनियां को हर सुबह जीना सिखाती है
खुद के दिल की आवाज खुद को सोने नही देती।।
पेट की भूख जीने नही देती ।
कुछ पाने की भूख जद्दोजहद कराती है
सपनों की कतार जीवन जीने नही देती ।
जिस्म की भूख बेचैन करती है
इंसान को इंसान होने नही देती ।
दौलत की भूख रिश्तों से दूर ले जाती है
ये बेगानापन किसी का अपना होने नही देती ।
प्रसिद्धि की भूख नकली बनाती है
खुद की आत्मा खुद की होने नही देती ।
इस कलम की भूख बहुत कुछ बताती है
नज़र सच की स्याह दुनियां को समझने नही देती ।
ये भूख दुनियां को हर सुबह जीना सिखाती है
खुद के दिल की आवाज खुद को सोने नही देती।।
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