आज की रात कट क्यों नहीं रही ?
आज की रात विरह की रात है,
आज तो चाह के भी सो नहीं पाउँगा l
आज मैंने अपनी प्रेमिका के साथ आखिरी रात बिताई है l
साथ यहीं तक था बस अब और नहीं l
बहुत मुश्किल है अब आगे तुम्हारे बिना रहना पर अब तो दूर जाने का समय आ ही गया ,
आखिर एक दिन दूर तो होना ही था l
आज ही सही l
बेहिसाब प्यार करता हूँ मैं तुमसे और करता ही रहूँगा जब तक मैं हूँ l
पर अब और साथ नहीं रह सकता l
हर सुबह जब नींद खुलती थी तो मैं तुम्हें ही खोजता था और पूरा दिन तुम्हें होठों पे लगाकर चूमता रहता था l
हर रात जब नींद से मेरी आँखें बंद होती थी आखिरी झलक तुम्हारी ही होती थी
l तुम अब भी मेरी रगों में दौड़ रही हो खून बनकर l
पर अब साथ नहीं हो l याद है न तुम्हें वो दिन जब मैं बहुत तड़प रहा था वो रात भी जब मैं बहुत टुटा था ,,,,, तुमने ही मुझे सम्हाला था l
जब से तुम साथ थी हर ख़ुशी का मौका तुमसे ही तो शुरू होता था l
हर रात सिर्फ तुम्हारे ही साथ होने का मन होता है ,
तुम्हारी बाँहों में खोने का मन होता है l
कैसे भूलूं,, जब चाँद की परछाई में तुम्हारे साथ पूरी रात जागकर सूरज का इंतजार करता था l
तुमको भूल पाना इतना आसान नहीं है,,,,
सब याद है मुझे वो सबकुछ जो तुमसे जुडी है ,,
कैसे छुप –छुप के मिलते थे हम-तुम स्कूल के पीछे मैदान में l
हर बार डर लगता था कोई देख न ले l
तुम ही तो लड़कपन की सबसे प्यारी याद हो l
तुमसे ऊपर भला कोई कैसे हो सकता है l
कितना कुछ किया है तुमने मेरे लिए ,,
जब कभी तुम्हारा अपमान होता था मैं लड़ जाया करता था l
मैंने तुम्हें जी भर के जिया है,और जी भर के पिया है तुम्हारे रस को l
तुम्हारी खुशबू अभी भी है मेरे आस पास ,,,,,,,,,,पर अब तुम मेरी नहीं रही l
अच्छा चलो अलविदा
,,,,, मेरी प्यारी धुम्र दंडिका ,,,CIGARETTE
... दाऊ गावेंद्र देशमुख
अनेक कविताओं और कहानियों का संस्मरण करते हुए, आज यह धडकता दिल बहुत परेशान था | शायद कुछ कहना चाहता था, या खुद को समझाना चाहता था | दरअसल यह बेचैनी किसी चीज की नही थी बल्कि उसे, उसमें समाहित प्रेम ने विचलित कर रखा था | प्रेम कभी भी किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या खुद से हो सकता है | प्रेम हमारे जीवन की स्वाभाविक प्रक्रिया है | जब आप किसी के साथ प्रेम में होते हैं तो यह आपके जीवन के सबसे ख़ूबसूरत लम्हों और एहसासों में से एक होता या यूं कह लें कि इसका स्थान सर्वोच्च होता है | यदि प्रेम का ताल्लुक किसी व्यक्ति विशेष से हो तो इसका तात्पर्य यह बिलकुल नही कि उसे हासिल किया जाय | उस व्यक्ति से आपके दिल से लगाव और उसके प्रति अटूट विश्वास व गहनता ही प्रेम का प्रतीक है | जब आप उसके छोटे-छोटे लम्हों में खुश होना सीख जाते है, उसके साथ कुछ पल बिताने व अपने नज़रों के सामने देखने भर से अन्दर ही अन्दर प्रफुल्लित होते है, सुकून महसूस करते हैं | यही प्रेम को जीने और महसूस करने का दौर होता है | जब आपको उस व्यक्ति से लगाव हो जाता है तो आप उसकी देखभाल व उसके प्रति अपने एहसासों व भावनाओं...
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